ढाका की एक अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के धानमंडी स्थित आवास ‘सुदासधन’ को जब्त करने का आदेश दिया। ‘सुदासधन’ के साथ-साथ भारत में निर्वासन में रह रहे उनके परिवार के सदस्यों की अन्य संपत्तियों को भी जब्त करने का आदेश दिया गया है। एक अधिकारी के अनुसार, अदालत ने हसीना के परिवार से जुड़े 124 बैंक खातों को जब्त करने का भी आदेश दिया है। जब्त की गई अन्य संपत्तियों में हसीना के बेटे साजिब वाजेद जॉय, बेटी साइमा वाजेद पुतुल, बहन शेख रेहाना और उनकी बेटियों ट्यूलिप सिद्दीकी और रादवान मुजीब सिद्दीकी की संपत्तियां शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि हसीना के घर का नाम 'सुदासाधन' उनके दिवंगत पति, परमाणु वैज्ञानिक एम.ए. वाजेद मिया के नाम पर रखा गया था, जिनका उपनाम सुधा मिया था।
कार्रवाई का कारण क्या था?
ढाका मेट्रोपोलिटन के वरिष्ठ विशेष न्यायाधीश जाकिर हुसैन गालिब ने भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) के आवेदन पर मंगलवार को यह आदेश जारी किया।
इस बीच, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने हसीना के बयान पर भारत सरकार के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है। मंत्रालय ने सोशल मीडिया सहित विभिन्न मंचों पर लगातार दिए जा रहे हसीना के बयानों को उजागर किया तथा उन्हें "झूठा और मनगढ़ंत" बताया। इसमें कहा गया है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री के बयान का उद्देश्य अस्थिरता पैदा करना था।
बयान में कहा गया है कि बांग्लादेश ने भारत सरकार से अनुरोध किया है कि वह आपसी सम्मान और समझ की भावना से हसीना को भारत में रहने के दौरान सोशल मीडिया और अन्य संचार माध्यमों का उपयोग करके इस तरह के "झूठे, मनगढ़ंत और भड़काऊ बयान" देने से रोकने के लिए तुरंत उचित कदम उठाए।
शेख हसीना पिछले वर्ष 5 अगस्त को बांग्लादेश से भागकर भारत में रह रही हैं। उन्होंने यह कदम कई सप्ताह तक चले विरोध प्रदर्शनों और झड़पों तथा छात्र नेतृत्व वाले आंदोलन के बाद उठाया है, जो समय बीतने के साथ हिंसक हो गया। इस राजनीतिक घटना के बाद, नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया।